मुंबई, : भारत के अग्रणी पेंशन फंड मैनेजर्स में से एक एचडीएफसी पेंशन, भारतीयों के बीच नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की मदद से रिटायरमेंट प्लानिंग हेतु जागरूकता निर्माण करने में सबसे आगे रहा है।
1 अक्टूबर को एनपीएस दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर एचडीएफसी पेंशन ने अपनी तरह का पहला एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स लॉन्च किया है, जो अलग-अलग उपभोक्ता समूहों में एनपीएस को मिलने वाली प्राथमिकता दर्शाता है।
एनपीएस एक सरकार समर्थित रिटायरमेंट बचत कार्यक्रम है, जो भारतीय नागरिकों को रिटायरमेंट जीवन में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। कोई भी भारतीय नागरिक, 18-70 वर्ष की उम्र के बीच, अपनी स्वेच्छा से एनपीएस में सब्सक्राइब कर सकता है।
एचडीएफसी पेंशन ने एक स्वतंत्र मार्केट रिसर्च विशेषज्ञ इप्सॉस (Ipsos) को एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स के लिए सर्वे करने हेतु नियुक्त किया था। इसके परिणाम एनपीएस की जानकारी रखने वाले 1801 उपभोक्ताओं के बीच किए गए मार्केट रिसर्च सर्वे* पर आधारित हैं। यह उपभोक्ता 30-40 वर्ष तथा 45-55 वर्ष आयु वर्ग के हैं और टियर 1/2/3 स्थानों के निवासी हैं।
सर्वे का उद्देश्य यह समझना था कि रिटायरमेंट के प्रति उपभोक्ताओं की सोच क्या है और एनपीएस के लिए उनकी जानकारी, आकर्षण और विचार करने का स्तर कितना है। इन्हीं पहलूओं के आधार पर एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स तैयार किया गया है, जिसकी समय-समय पर निगरानी की जा सकेगी।
सर्वे के परिणाम बताते हैं कि एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स वर्तमान में 54 है (0 से 100 के स्तर पर)। इसलिए, यह माना जा सकता है कि वर्तमान में एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स मध्यम स्तर पर है और यह उपभोक्ताओं की जनकारी, आकर्षण तथा विचार के तीन पहलूओं द्वारा समान रूप से प्रभावित है।
एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स उपभोक्ताओं की आमदनी में वृद्धि के साथ ही बेहतर बनता है। अन्य क्षेत्रों की तुलना में उत्तरी भारत का एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स (57) सबसे अधिक है।
रिपोर्ट की कुछ अन्य प्रमुख बातें:
वैसे तो, औसतन 32 वर्ष की आयु रिटायरमेंट प्लानिंग शुरु करने के लिए सही समय मानी जाती है, लेकिन रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त पूंजी की ज़रूरत का अक्सर कम आंकलन किया जाता है। उपभोक्ताओं द्वारा लगभग 1.3 करोड़ रुपए की राशि को औसत पर्याप्त पूंजी बताया जाता है, जो उनकी वर्तमान वार्षिक परिवारिक आमदनी के 10 गुना से कम है। इससे यह संकेत मिलता है कि उपभोक्ताओं को उचित रिटायरमेंट पूंजी के बारे में शिक्षित करना ज़रूरी है।
पूंजी की सुरक्षा, टैक्स लाभ और मृत्यु के बाद निरंतर आमदनी प्रवाह रिटायरमेंट प्रोडक्ट्स की प्रमुख ज़रूरत होते हैं। अन्य साधनों के मुकाबले एक नया प्रोडक्ट होने के कारण सिर्फ 24% लोगों के पास एनपीएस है, लेकिन इसके कई आकर्षक फायदे भी हैं, जैसे टैक्स-फ्री धन निकासी, सुरक्षित (सरकारी नियंत्रण में होने के कारण) और जीवनसाथी के लिए लाभ। सभी उपभोक्ताओं (31%) की तुलना में एनपीएस में सब्सक्राइब करने वाले उपभोक्ताओं (35%) में टैक्स लाभ (80C/80CCD) के प्रति ज्यादा आकर्षण है।
एनपीएस खरीदारी के लिए टैक्स लाभ, परिचितों की सलाह और आर्थिक सलाहकारों से उपभोक्ता प्रभावित होते हैं, लेकिन अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस लेने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एनपीएस की खूबियों के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि एनपीएस के लिए सब्सक्राइब करने वाले लोग रिटायरमेंट जीवन के दौरान अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में ज्यादा आश्वस्त रहते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि एक व्यक्ति द्वारा एनपीएस लेना अपने रिटायरमेंट जीवन हेतु आर्थिक तैयारी करने का एक बड़ा संकेत होगा।
*नोट: यह उपभोक्ता रिसर्च सर्वे अगस्त-सितंबर 2023 के बीच भारत के 12 शहरों में NCCS A के अंतर्गत, 10 लाख से अधिक (टियर 3 शहरों के लिए रु. 7 लाख से अधिक) वार्षिक परिवारिक आमदनी वाले लोगों के साथ, आमने-सामने व्यक्तिगत इंटरव्यू के रूप में किया गया है।
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इस लॉन्च पर बोलते हुए, श्रीराम अय्यर, चीफ एक्ज़िक्यूटिव ऑफिसर, एचडीएफसी पेंशन ने कहा, “एनपीएस दिवस के मौके पर हमें एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स पेश करते हुए खुशी है। यह एक ऐसी रिपोर्ट है, जो नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पर हमारे उद्योग क्षेत्र का पहला दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। एक ऐसे दौर में जहां आर्थिक सुरक्षा का प्रमुख महत्व है, लोगों को एक सुरक्षित रिटायरमेंट के लिए सक्षम बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को काफी अधिक मज़बूती मिलती है।”
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), रिटायरमेंट के बाद आमदनी प्राप्त करने के लिए प्रमुख साधन है, जो इसे दीर्घकालीन आर्थिक सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। भारत में एनपीएस खरीदारी बढ़ाने के लिए एक बड़ी संभावना मौजूद है, इसलिए इस स्थिति की चुनौतियों और उसके कारणों को गहराई से समझना ज़रूरी था।
हमारी कोशिश सिर्फ जागरूकता बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि लोगों के बीच इसके लिए उत्सकुता और समझ विकसित होनी चाहिए। इसलिए हमने आगे कदम बढ़ाते हुए ‘एनपीएस प्रेफरेंस इंडेक्स’ पेश किया है। यह एक शक्तिशाली मेट्रिक है, जिसे लोगों में एनपीएस की जानकारी, आकर्षण और विचार करने के स्तर वाले तीन विस्तृत पहलूओं के आधार पर तैयार किया गया है।
एचडीएफसी पेंशन भारत में सबसे तेज़ बढ़ता लेगसी पेंशन फंड मैनेजर है, जिसके पास रीटेल एवं कॉर्पोरेट एनपीएस सेगमेंट्स में सबसे अधिक (1 सितंबर 2023 तक 16,92,504) सब्सक्राइबर हैं। एचडीएफसी पेंशन ने 15 मई 2023 को रु. 50,000 करोड़ के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) का पड़ाव पार किया है और कंपनी को मनी टुडे द्वारा 2019-2022 तक लगातार तीन वर्षों के लिए ‘बेस्ट परफॉर्मिंग पीएफएम’ के रूप में पुरस्कृत किया जा चुका है।